सर्दी की बारिश का मज़ा ही कुछ और है,
बहती नाक कान में मिर्ची
गले में खराश
फिर भी निर्मल जल की बूँदें
ह्रदय को ठंडक दे जाती
इस जुकाम ने नैनों से कितनी बूंदे टपकाई
पर झम झम तेज़ आवाज़ से गिरते पानी
को देखे बिना नज़रें न भीगी !
गरम हथेली पर जब पानी की बूँद पडी
तो जाना पानी कितना निश्चल है
सबको एक सामान छलता है !
कपूलों की ठंडक से जाना
सर्दी की बारिश की रौनक ही कुछ और है
सर्दी की बारिश की मज़ा ही कुछ और है !